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कला जगत में ग्वालियर का नाम रोशन करने वाले प्रभात राय का निधन

ग्वालियर। कला जगत में देश में नहीं विदेशों में भी ग्वालियर का नाम शिखर पर ले जाने वाले प्रख्यात मूर्तिकार प्रभात राय का लंबी बीमारी के बाद शनिवार की रात को दो बजे निधन हो गया। प्रभात राय के असमायिक निधन से कला जगत में शोक व्याप्त है। उन्‍होंने 5 हजार से अधिक बड़ी मूर्तियों का निर्माण किया।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भी प्रभात राय की कला का सम्मान किया था। प्रभात राय पिता और बड़े भाई के सानिध्य में रहकर मूर्ति गढ़ने में पारंगत हुए थे और मूर्ति निर्माण के क्षेत्र जमीन से शिखर पर अपनी कला से पहुंचे थे।परिवार में पत्नी सुनीता राय, बेटा अनुज व एक बेटी है।पुत्र व पुत्री का विवाह हो चुका है।

प्रभात राय के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार में रविवार को हुआ।अंतिम यात्रा में कला जगत के अलावा राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता मौजूद थे। नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रभात राय के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनके हाथों में हुनर था। राय जितने अच्छे मूर्तिकार थे,उतने ही सहज सरल और मिलनसार व्यक्तिव के धनी थे।

प्रभात राय देशभर में अपनी मूर्ति कला के लिए प्रख्यात थे। उनकी बनाई हुई मूर्तियां देशविदेश में लगी हुई हैं। मूर्तिकार प्रभात राय की महर्षि वाल्मीकि की बनाई हुई प्रतिमा अयोध्या के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सामने भी लगाई गई है। भोपाल में बड़े तालाब पर राजा भोज की प्रतिमा तथा छोटे तालाब पर रानी कमलापति की प्रतिमा भी प्रभात राय ने ही बनाई थी।

इसके अलावा देश भर में कई जगहों पर उनके द्वारा बनाई गई प्रतिमाएं लगाई गई हैं। राय मोतीझील के पास एक पहाड़ी पर प्रभात मूर्ति कला केंद्र चलाते हैं। यहीं पर वे मूर्तियां तैयार करते थे। उनके कला केंद्र पर अभी भी कई प्रतिमाएं अधूरी रह गई हैं जिन पर प्रभात राय काम कर रहे थे।

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